झारखण्ड सरकार का यह दृढ़ संकल्प है कि राज्य के प्रत्येक विद्यार्थी को, विशेष रूप से हमारे अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रतिभाशाली युवाओं को, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं समान अवसर प्राप्त हों। शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि सशक्तिकरण और सामाजिक परिवर्तन का सबसे प्रभावी साधन है।“झारखण्ड अनुसूचित जनजाति शिक्षण उत्थान कार्यक्रम” इसी विचार पर आधारित एक दूरदर्शी पहल है, जिसके माध्यम से हमारे जनजातीय विद्यार्थी अब राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं — जैसे NEET एवं JEE (Advanced) — की तैयारी विश्वस्तरीय कोचिंग सुविधाओं के साथ पूर्णतः निःशुल्क प्राप्त कर पा रहे हैं।यह कार्यक्रम न केवल शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करता है, बल्कि हमारे युवाओं को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के योग्य बनाता है। हमारा उद्देश्य है कि झारखण्ड के मेधावी विद्यार्थी देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग एवं मेडिकल संस्थानों में प्रवेश लेकर राज्य का नाम गौरवान्वित करें।मैं विश्वास करता हूँ कि यह पहल हमारे जनजातीय समुदाय के भविष्य को नई दिशा देगी, सामाजिक समानता को सुदृढ़ करेगी और झारखण्ड को एक शिक्षित, सशक्त एवं प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
श्री हेमन्त सोरेन
मुख्यमंत्री, झारखण्ड सरकार
राज्य में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं, परंतु उचित मंच और संसाधनों के अभाव में कई विद्यार्थी पीछे रह जाते हैं। यह योजना यह सुनिश्चित करती है कि झारखंड का कोई भी गरीब और मेधावी विद्यार्थी अपने सपनों से वंचित न रहे, बल्कि आत्मविश्वास के साथ देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे IIT, AIIMS में प्रवेश पाए। आज के प्रतिस्पर्धी युग में विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा, बल्कि प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त भी देना हमारा उद्देश्य है। झारखंड सरकार का यह प्रयास प्रदेश के युवाओं को नई ऊर्जा, सही दिशा और समावेशी अवसर प्रदान करेगा, जिससे वे मुश्किल हालात को पार कर सफलता अर्जित करें। -
श्री चमरा लिंडा
कल्याण मंत्री, झारखंड सरकार
माननीय मुख्यमंत्री जी एवं कल्याण मंत्री महोदय की मंशा के अनुसार हमने झारखंड के अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए यह योजना प्रारंभ की है। यह केवल एक कोचिंग कार्यक्रम नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास की दिशा में एक संकल्प है। हमारा उद्देश्य है कि राज्य के प्रत्येक विद्यार्थी को JEE/NEET जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए श्रेष्ठ मार्गदर्शन एवं संसाधन प्राप्त हों।योजना के तहत चयनित विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवास, भोजन, अध्ययन सामग्री (किताबें, बैग, टी-शर्ट आदि), ऑनलाइन अध्ययन के लिए टैबलेट और सतत मार्गदर्शन की सुविधा दी जाएगी। सभी छात्रावास एवं अन्य सुविधाएं पूरी तरह नि:शुल्क रहेंगी।
श्री कुलदीप चौधरी
आईएएसआयुक्त, आदिवासी कल्याण, झारखंड